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Covers articles about Hinduism, Astrological Remedies, Fasting Festivals, Auspicious Time, Veda Purana Upanishad, Yoga Meditation, Mantra Shloka Stotra, Palmistry, and more.
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ॐ नमः पार्वती पतये हर हर महादेव लिरिक्स
ॐ नमः पार्वती पतये हर हर महादेव मंत्र का उच्चारण करते समय हम शिव भगवान की आराधना करते हैं, जिन्हें ‘पार्वतीपति’ और ‘महादेव’ के रूप में सम्मानित किया जाता है। यह मंत्र शक्ति और भक्ति का संगम है, जो आत्मा को शांति और उद्दीपन प्रदान करने का कारण बनता है। इस महामंत्र का उच्चारण करते समय हम शिव भगवान की आराधना करते हैं, जिन्हें ‘पार्वतीपति’ और ‘महादेव’ के रूप में सम्मानित किया जाता है। यह मंत्र शक्ति और भक्ति का संगम है, जो आत्मा को शांति और उद्दीपन प्रदान करने का कारण बनता है।
ॐ नमः पार्वती पतये हर हर महादेव का अर्थ
इस मंत्र का अर्थ है “मैं पार्वती के पति को ..read more
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भगवान शिव के माता पिता कौन है ?
भगवान शिव का जन्म – मित्रो भगवन शिव को भोलेनाथ, शंकर, नीलकंठ, गंगाधार आदि नामों से भी जाना जाता है। तंत्र साधना में इन्हे भैरव के नाम से भी जाना जाता है। वही वेदो में इनका नाम रुद्र है। भगवन शिव व्यक्ति की चेतना के अन्तर्यामी हैं। इनकी अर्धांगिनी का नाम पार्वती है। इनके पुत्र कार्तिकेय , अय्यपा और गणेश हैं, तथा पुत्रियां अशोक सुंदरी, ज्योति और मनसा देवी हैं ।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि, देवों के देव महादेव के माता-पिता कौन थे ? जब समस्त सृष्ट्रि स्वयं महादेव के अधीन है तो भला महादेव को जन्म कौन दे सकता है ? मित्रो आपमें से कई लोगो का ये भी मानना है की शंकर भगवान ..read more
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पीपल की पूजा के फायदे और पीपल पूजा के नियम
पीपल की पूजा के फायदे और पीपल पूजा के नियम में आज हम शुक्रवार को पीपल की पूजा करनी चाहिए या नहीं के साथ पीपल की पूजा सुबह कितने बजे करनी चाहिए? एकादशी के दिन पीपल की पूजा का महत्व तथा शनिवार को पीपल की पूजा कब करनी चाहिए के बारे में जानेंगे।
शनिवार को पीपल की पूजा कब करनी चाहिए
एक पौराणिक कथा के अनुसार लक्ष्मी और उसकी छोटी बहन दरिद्रा विष्णु के पास गई और प्रार्थना करने लगी कि हे प्रभो! हम कहां रहें? इस पर विष्णु भगवान ने दरिद्रा और लक्ष्मी को पीपल के वृक्ष पर रहने की अनुमति प्रदान कर दी। इस तरह वे दोनों पीपल के वृक्ष में रहने लगीं। विष्णु भगवान की ओर ..read more
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प्रेम विवाह योग
प्रेम हृदय की एक ऐसी अनुभूति है जो हमें जन्म से ही ईश्वर की ओर से उपहार स्वरूप प्राप्त होती है। आगे चलकर यही प्रेम अपने वृहद स्वरूप में प्रकट होता है। प्रेम किसी के लिए भी प्रकट हो सकता है। वह ईश्वर, माता-पिता, गुरु, मित्र, किसी के लिए भी उत्पन्न हो सकता है। लेकिन आज के समाज में सिर्फ विपरीत लिंगी के लिए प्रकट अनुभूतियों को ही प्रेम समझा जाता है। सारा संसार जानता है कि मीरा का प्रेम कृष्ण के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रेम था। यूं तो ढेरों भक्त कवियों ने भी कृष्ण से अपने प्रेम का वर्णन किया है। जैसे- सुरदास इत्यादि।
प्रेम विवाह योग
हिन्दू एस्ट्रोलॉजी  ..read more
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महाशिवरात्रि क्यों मनाई जाती है
फाल्गुन मास की कृष्ण चतुर्दशी को महा शिवरात्रि (महाशिवरात्रि की कथा) के नाम से जाना जाता है। इस दिन उपवास सहित विधि विधान से भगवान शिव की पूजा करने से नरक का योग मिटता है। ऐसी मान्यता है कि महाशिवरात्रि की रात ग्रहों की दशा कुछ ऐसी होती है जो हममें शारीरिक और आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर कर देती है. लेकिन इसे पाने के लिए हमें रात भर जागना होता है वह भी साधनारत होकर.
महाशिवरात्रि क्यों मनाई जाती है – महाशिवरात्रि पर 10 लाइन
अमावस्या से एक दिन पहले हर चंद्र महीने के 14वीं  ..read more
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जया एकादशी – Jaya Ekadashi
स्नान-दान और पुण्य प्रभाव के माह माघ मास की शुक्लपक्ष एकादशी को जया एकादशी (Jaya Ekadashi) कहा गया है। जया एकादशी के पुण्य के कारण मनुष्य सभी पापों से मुक्त होकर जीवन के हरेक क्षेत्र में विजयश्री प्राप्त करता है और मोक्ष का अधिकारी हो जाता है। भागवत पुराण में आया है कि जो मनुष्य समस्त भौतिक तथा सांसारिक सुख प्राप्त करना चाहते हैं, उन्हें जया एकादशी व्रत अवश्य करना चाहिए। सभी कामनाओं की पूर्ति के लिए की जाने वाली इस एकादशी की कथा का वर्णन ‘पद्मपुराण’ सहित कई प्राचीन आख्यानों में है।
जया एकादशी का महत्व – Jaya Ekadashi Vrat ..read more
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बसंत पंचमी 2024 – Basant Panchmi 2024
Vasant Panchmi 2024 – बसंत पंचमी 2024 या वसंत पंचमी माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाई जाती है। इसी दिन से वसंत ऋतु का आरम्भ होता है। इस दिन सरस्वती पूजा भी की जाती है। बसंत पंचमी (Basant Panchmi Sarswati Puja) की पूजा सूर्योदय के बाद और दिन के मध्य भाग से पहले की जाती है। इस समय को पूर्वाह्न भी कहा जाता है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, माघ मास शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का त्यौहार काफी धूमधाम से मनाया जाता है।
2024 में बसंत पंचमी कब है – basant panchami 2024 date
इस साल यानि 2024 में बसंत पंचमी 14 ..read more
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11 रूद्र के नाम – 11 Rudra Name
भगवान शिव को समर्पित शैवागम के अनुसार 11 रूद्र के नाम (11 Rudra Name) क्रमश: शम्भु, पिनाकी, गिरीश, स्थाणु, भर्ग, सदाशिव, शिव, हर, शर्व, कपाली, और भव के रूप में परिभाषित किया है।
महाभारत के अनुसार 11 रुद्रों के नाम – 11 Rudra Avatar of Lord Shiva
सबसे बड़े महाकाव्य के रूप में गिना जाने वाला महाभारत अपने आदि पर्व के विभिन्न अध्यायों में 11 रूद्र के नाम (11 rudra ke naam) इस प्रकार समाहित किए हुए हैं:
|| मृगव्याध, सर्प, निऋति, अजैकपाद, अहिर्बुध्न्य, पिनाकी, दहन, ईश्वर, कपाली, स्थाणु, भव ||
पुराणों में एकादश रुद्रों के नाम – 11 Rudra Name of Lord Shiva ..read more
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Shiv Mahimna Stotra – शिव महिम्न स्तोत्र
पुष्पदंत शिव महिम्न स्तोत्र का अभिप्राय शिव महिमा से है। शिव महिम्न स्तोत्र (shiv mahimna stotra) संस्कृत पाठ के लाभ अर्थ सहित अत्यंत ही मनोहर है। शिवभक्त श्री गंधर्वराज पुष्पदंत द्वारा अगाध प्रेमभाव से ओतप्रोत यह शिवस्तोत्र भगवान शिव को बहुत प्रिय है।
शिव महिम्न स्तोत्र संस्कृत में अर्थ सहित – Shiv Mahimna Stotra Lyrics
अथ श्री शिवमहिम्नस्तोत्रम्
पुष्पदंत उवाच
महिम्नः पारन्ते परमविदुषो यद्यसदृशी।
स्तुतिर्ब्रह्मादीनामपि तदवसन्नास्त्वयि गिरः॥
अथावाच्यः सर्वः स्वमतिपरिमाणावधि गृणन्।
ममाप्येष स्तोत्रे हर निरपवादः परिकरः॥1 ..read more
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रूद्र मंत्र – Rudra Mantra
रुद्र मंत्र (Rudra Mantra) भगवान रूद्र को समर्पित है, जो भगवान शिव का ही रूप माने जाते हैं और व्यापक अर्थों में दोनों एक ही हैं। अर्थात सर्वशक्तिमान भगवान महादेव ही रुद्र हैं। रुद्र मंत्र (rudra mantra lyrics) के इष्ट देवता भगवान शिव ही हैं। रुद्र मंत्र की आवृत्तियों को बार-बार दोहराने अर्थात इनका जाप करने से भगवान शिव का पावन सानिध्य प्राप्त होता है और मंत्र जाप करने वाले की कोई भी इच्छा पूरी हो सकती है।
देवों के देव कहे जाने वाले महादेव शिव, जिन्हें रुद्र के नाम से भी जाना जाता है, रुद्र मंत्र (shiva rudra mantra ..read more