मेडिकल टर्मिनेशन आफ प्रेग्नेंसी (MTP) एक्‍ट क्या है?
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by Shreya Sharma
3w ago
मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (MTP) एक्ट भारत में एक कानूनी ढांचा है जो गर्भपात को नियंत्रित करता है। इसे कुछ शर्तों के तहत महिलाओं को सुरक्षित और कानूनी गर्भपात तक पहुंच प्रदान करने के लिए 1971 में अधिनियमित किया गया था। एमटीपी अधिनियम उन परिस्थितियों को निर्दिष्ट करता है जिनके तहत गर्भावस्था को समाप्त किया जा सकता है और प्रक्रियाओं का पालन किया जाना चाहिए। मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट के प्रमुख प्रावधानों में शामिल हैं 1. गर्भपात की शर्तें: अधिनियम विशिष्ट परिस्थितियों में 20 ..read more
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सत्यब्रत घोष बनाम मुगनीराम बांगुर एंड कंपनी | Satyabrata Ghosh vs Mugnee Ram Bangur
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by Shreya Sharma
3w ago
Satyabrata Ghosh vs Mugnee Ram Bangur बेंच: बी.के. मुखर्जी, विवियन बोस, नटवरलाल एच. भगवती निर्णय की तिथि:16/11/1953 ACT भारतीय अनुबंध अधिनियम (1872 का IX), धारा. 56- भूमि बेचने का समझौता-निराशा का सिद्धांत-प्रयोज्यता-सिद्धांत क्या भारत में लागू है-एस का दायरा। 56 असंभव अर्थ- भूमि विक्रय का समझौता- क्रेता के अधिकार- अंग्रेजी एवं भारतीय कानून। Brief ..read more
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शैडवेल बनाम शैडवेल Shedwell vs Shedwell
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by Kritika Bhusari
3w ago
मामले का नाम: लैंसलॉट शैडवेल बनाम केली शैडवेल और अन्य (Shedwell vs Shedwell) फैसले की तारीख: 1 जनवरी 1858 मामले की पृष्ठभूमि: Shedwell vs Shedwell के मामले को अनुबंध कानून के विकास में एक महत्वपूर्ण क्षण माना जाता है, खासकर 19 ..read more
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Sources of Hindu Law हिन्दू विधि के स्रोत
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by Shreya Sharma
1M ago
हिंदू कानून एक प्राचीन कानूनी प्रणाली है। भारत विभिन्न धर्मों के लोगों की समृद्ध विविधता वाला देश है। अलग-अलग धार्मिक मान्यताओं को देखते हुए, एक एकीकृत कानून संहिता हमेशा प्रत्येक धर्म की भावनाओं को पूरा नहीं कर सकती है। परिणामस्वरूप, पर्सनल लॉ की अवधारणा पेश की गई है। पर्सनल लॉ का उद्देश्य एक कानूनी ढांचा प्रदान करना है जो विभिन्न समुदायों के धार्मिक रीति-रिवाजों और प्रथाओं को ध्यान में रखता है और यह सुनिश्चित करता है कि उनसे समझौता नहीं किया जाए। यह सुनिश्चित करने का एक तरीका है कि कानूनी प्रणाली भारत के विविध सांस्कृतिक ढांचे के प्रति संवेदनशील है और प्रत्येक नागरिक के साथ निष्पक्षता और सम् ..read more
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Bihar state bar council registration kaise kare
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by Law Article
1y ago
जब कोई लॉ का छात्र फाइनल exam दे देता है तो सबसे पहले उसको बार कॉउन्सिल में एनरॉलमेंट कराना अनिवार्य होता है। Bihar state bar council registration कराने के बाद जिला बार कॉउन्सिल में मेंबर बना जाता है उसके बाद ही आप कोर्ट में वकालत कर सकते हैं। एनरॉलमेंट फॉर्म कहा मिलता है? बिहार बार कॉउन्सिल में एनरॉलमेंट सिर्फ offline form के माध्यम से कराया जा सकता है, अभी bihar state bar council enrollment online form उपलब्ध नहीं है। फॉर्म लेने के लिए बार कॉउन्सिल भवन, पटना (Patna High Court Campus ..read more
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Cheque bounce case process in hindi
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by Himanshu Kumar
1y ago
चेक बाउंस (Cheque bounce) वित्तीय दुनिया में सबसे आम अपराधों में से एक है और किसी व्यक्ति के लिए गंभीर अपमान का कारण बन सकता है। यदि आपको किसी के द्वारा चेक दिया गया है और आप इसे नकद करने के लिए बैंक जाते हैं, तो यह महत्वपूर्ण है कि चेक जारी करने वाले के खाते में कम से कम उतना धन राशि हो जितना का चेक जारी किया गया है, क्योंकि उसने जो चेक जारी किया है, यदि उसके खाते में पर्याप्त धन नहीं है, तो बैंक चेक को अस्वीकृत कर देता है, इसे चेक बाउंस कहा जाता है। बैंक हमेशा चेक के बाउंस होते ही गैर-भुगतान के लिए आवश्यक कारणों के साथ चेक रिटर्न मेमो जारी करता है। चेक क्या है? Cheque ..read more
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सदन द्वारा पारित कृषि कानून का मूल्यांकन
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by Law Article
1y ago
दिनांक 27 सितम्बर, 2021 को तत्कालीन भारत सरकार ने तीन कृषि बिलों को मंजूरी देते हुए तीन कृषि कानून् सूत्रपात किये थे। वे है: 1. किसान उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक, 2020 ( क्रमांक 21/ 2020) 2. किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) विधेयक मूल्य आश्वासन, 2020 (क्रमांक 20/2020) 3. सेवा विधेयक और आवश्यक वस्तुएं (संशोधन) विधेयक, 2020 (क्रमांक 22/2020 ..read more
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NCR क्या होता है, पुलिस द्वारा कब NCR दर्ज किया जाता है?
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by Law Article
1y ago
भारतीय कानून में अपराधों को उनके प्रकृति के आधार पर निम्न भागों में विभाजित किया गया है। वह अपराध जो काफी संगीन हो उसे संज्ञेय अपराध तथा जो मामूली अपराध होता है उसे असंज्ञेय अपराध की श्रेणी में रखा जाता है। संज्ञेय अपराध (Cognizable offence) असंज्ञेय अपराध (Non Cognizable offence) FIR कब दर्ज की जाती है जब किसी अपराध से सम्बंधित की जानकारी थाने में दी जाती है तो उस सूचना के आधार पर यदि मामला ज्यादा गंभीर (जैसे- किसी को हथियार से मारना, हत्या, आदि) होता है तो FIR दर्ज की जाती है और उसकी एक कॉपी शिकायतकर्ता को निःशुल्क दिया जाता है। FIR ..read more
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FIR दर्ज कराने के लिए लिखित में दी जाने वाली प्रार्थना पत्र कैसे लिखे
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by Law Article
1y ago
Cr.P.C की धारा 154 में “प्रथम सूचना रिपोर्ट” लिखे जाने के प्रावधान के बारे में बताया गया है। थाने के पुलिस इंचार्ज की यह ड्यूटी होती है की यदि कोई भी पीड़ित व्यक्ति या पीड़ित का कोई सम्बन्धी या मित्र घटना की सूचना पुलिस स्टेशन में मौखिक या लिखित रूप में देता है, तो उस सूचना के आधार पर पुलिस स्टेशन के इंचार्ज  को प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करना होगा। साथ ही FIR दर्ज करने के बाद सूचना देने वाले व्यक्ति के समक्ष पढ़ कर सुनाना होगा। FIR दर्ज होने के बाद पुलिस द्वारा फिर की एक कॉपी निःशुल्क दिया जाता है। F.I.R ..read more
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भारत में वैवाहिक बलात्कार Marital Rape in India in Hindi
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by Himanshu Kumar
1y ago
Marital Rape in India भारत में एक पुरुष और एक महिला के बीच विवाह का अर्थ है कि दोनों ने संभोग करने की सहमति दी है और यह अन्यथा नहीं हो सकता है। भारतीय दंड संहिता, 1860 भी यही बताती है। धारा 375 में छह विवरणों की मदद से बलात्कार के अपराध को परिभाषित किया गया है। इस अपराध के अपवाद में से एक “अपनी पत्नी के साथ एक आदमी द्वारा संभोग या यौन कार्य, पंद्रह साल से कम उम्र की पत्नी नहीं है, बलात्कार नहीं है”। हालाँकि, इसे इंडिपेंडेंट थॉट बनाम यूनियन ऑफ़ इंडिया के मामले में “अपनी पत्नी के साथ एक आदमी द्वारा यौन संबंध या यौन कार्य, 18 ..read more
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