बुलडोज़र क्रांति के नायक यानी स्वयं ‘बुलडोज़र महाराज’ से बातचीत
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2y ago
By Jayjeet इस समय सवाल, वह भी बुलडोज़र से, पूछने की हिम्मत भला किसमें होगी? Bulldoze ..read more
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Satire : मोदी बम से लेकर सिद्धू रॉकेट तक, बाज़ार में ऐसे हैं नेता पटाखे
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2y ago
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Satire : ख़बरदार, डरना सख़्त मना है!
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2y ago
ए. जयजीत अगर देश के गृह मंत्री बोल रहे हैं कि अब किसी को डरने की जरूरत नहीं है तो फिर वाकई डरने की जरूरत नहीं ही होगी, सिद्धांत: ऐसा माना जा सकता है। पर ऐसे भी कैसे मान लें? इसकी ग्राउंड लेवल पर पुष्टि भी तो जरूरी है। तो यही पुष्ट करने के लिए रिपोर्टर सीधे पहुंच गया एक आम आदमी के पास। इतिहास गवाह है कि सबसे ज्यादा डर तो आम आदमी को ही लगता है। इसलिए डर के लेवल के बारे में असली पुष्टि आम आदमी से ही हो सकती थी। ‘आप रिपोर्टर ही हो, इस बात की क्या गारंटी?’ इधर-उधर देखकर आम आदमी ने पूछा। वह इंटरव्यू से बचने का कोई न कोई रास्ता तलाश रहा है। बेमतलब का लफड़ा नहीं चाहता। ‘अजी इतना भी मत डरिए। मैं कोई पेग ..read more
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Satire : रात के अंधेरे में दो रावणों की मुलाकात!
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2y ago
ए. जयजीत जैसे-जैसे विजयादशमी नज़दीक आती है, बड़े रावण की छोटे वाले से कोफ़्त बढ़ती जाती है। विजयादशमी के दिन तो वह फूटी आंख नहीं सुहाता। सोचता, यह जितनी जल्दी यहां से टले, उतना अच्छा। लाज़िमी भी है। मंच पर भाषण वो दे, समिति वालों को चंदा वो दे और सारा अटेंशन लूट ले जाए मैदान में खड़ा छटाक भर का रावण। कद बड़ा हुआ तो क्या हुआ, रावणत्व में तो छोटा ही है। छोटे रावण ने कभी अपहरण कांड करके अपनी मतिहीनता का परिचय दिया था। अब विजयादशमी की एक रात पहले ही छोटे वाले को निपटाने की प्लानिंग कर बड़ा रावण अपनी मतिहीनता का परिचय दे रहा है। बड़े रावण ने इस काम को सहयोगियों को सौंपने का जोख़िम नहीं लिया। आजकल सहयोगिय ..read more
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Satire : मसख़रे ना होते तो भारतीय राजनीति का क्या होता?
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2y ago
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आजम खान की उसी भैंस का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू जो मंत्री पुत्र की तरह ‘मिसिंग’ हो गई थी!
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2y ago
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अकबर रोड का वह भूत; कभी हंसता है, कभी रोता है…
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2y ago
ए. जयजीत हिंदुस्तान के एक अज़ीम शासक अकबर के नाम पर बनी सड़क पर स्थित है वह महल। आज खंड खंड। नींव मजबूत है, लेकिन कंगुरे या तो ढह चुके हैं या ढहने के कगार पर हैं। ढहते कंगुरों से लटके शीर्षासन करते चमगादड़ महल के भूतिया गेटअप को बढ़ाने का ही काम करते हैं। इस अफवाह के बाद कि इस खंड-खंड इमारत से अक्सर किसी भूत के रोने की आवाजें आती हैं, आज पूरे मामले की तफ्तीश करने निकला है वह भूतिया रिपोर्टर। हाथ में टिमटिमाती लालटेन के साथ वह उस इमारत के सामने खड़ा है। भानगढ़ के भूतिया किले से कई बार रिपोर्ट कर चुका वह जांबाज रिपोर्टर भूत मामलों का एक्सपर्ट हैं। भूतिया रिपोर्टर्स के हाथों में पेन या माइक टाइप का ता ..read more
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Satire : ग्राउंडवॉटर रिचार्ज करेंगी मप्र की ये सड़कें
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2y ago
By Jayjeet ..read more
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पुलिस ने कानून के लंबे हाथ तो ठाकुर को लौटा दिए…!
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2y ago
by Jayjeet बीते दिनों मप्र के एक शहर में 800 ..read more
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Thousand Feet Above : क्या गजब का नॉवेल लिखा है इस बालिका ने, फैंटेसी पर वेस्टर्न राइटर्स को कड़ी चुनौती देगा
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2y ago
By Ratnesh देश में एक असल फिक्शन राइटर का पदार्पण हो चुका है जिसमें असीम संभावनाएं नजर आ रही हैं। यह फिक्शन राइटर हैं महज 16 साल की ऊर्जा अकलेचा (Urja Aklecha)। इनका पहला उपन्यास नॉवेल ‘Thousand Feet Above’ हाल ही में जाने-माने पब्लिशर Notion Press से न केवल भारत में प्रकाशित हुआ है, बल्कि इसे अमेरिका, ब्रिटेन, जापान सहित करीब 150 देशों में लॉन्च किया गया है। करीब 200 पेजों का यह नॉवेल 14 साल की एक किशोर बालिका ‘अवनि’ की कहानी है। यह कहानी कल्पनातीत है। इसे पढ़कर आपको एक बार तो भरोसा ही नहीं होगा कि 16 ..read more
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