दास की परिभाषा‘‘
ASHISH KUMAR
by Ashish kumar
1y ago
‘‘दास की परिभाषा‘‘ एक समय सुल्तान एक संत के आश्रम में गया। वहाँ कुछ दिन संत जी के विशेष आग्रह से रूका । संत का नाम हुकम दास था। बारह शिष्य उनके साथ आश्रम में रहते थे। सबके नाम के पीछे दास लगा था। फकीर दास, आनन्द दास, कर्म दास, धर्मदास। उनका व्यवहार दास वाला नहीं था। उनके गुरू एक को सेवा के लिए कहते तो वह कहता कि धर्मदास की बारी है, उसको कहो, धर्मदास कहता कि आनन्द दास का नम्बर है। उनका व्यवहार देखकर सुल्तानी ने कहा कि:-  ..read more
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अब्राहिम अधम सुल्तान की परीक्षा‘‘
ASHISH KUMAR
by Ashish kumar
1y ago
‘‘अब्राहिम अधम सुल्तान की परीक्षा‘‘ सुल्तान अधम ने एक साधु की कुटिया देखी जो कई वर्षों से उस स्थान पर साधना कर रहा था। अब्राहिम उसके पास गया। वह साधक बोला कि यहाँ पर मत रहना, यहाँ कोई खाना-पानी नहीं है। आप कहीं और जाइये। सुल्तान अब्राहिम बोला कि मैं तेरा मेहमान बनकर नहीं आया। मैं जिसका मेहमान (अल्लाह का मेहमान) हूँ, वह मेरे रिजक (खाने) की व्यवस्था करेगा। इन्सान अपनी किस्मत साथ लेकर आता है। कोई किसी का नहीं खाता है। हे बेइमान! तू तो अच्छा नागरिक भी नहीं है। तू चाहता है अल्लाह से मिलना। नीयत ठीक नहीं है तो इंसान परमार्थ नहीं कर सकता। बिन परमार्थ खुदा नहीं मिलता। जिसने जीवन दिया है, वह रोटी ..read more
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सम्पूर्ण अध्यात्म ज्ञान किसने बताया?कलामे कबीर (सूक्ष्मवेद) में सम्पूर्ण अध्यात्म ज्ञान है जो न चारों वेदों (ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद तथा अथर्ववेद
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by Ashish kumar
1y ago
सम्पूर्ण अध्यात्म ज्ञान किसने बताया? कलामे कबीर (सूक्ष्मवेद) में सम्पूर्ण अध्यात्म ज्ञान है जो न चारों वेदों (ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद तथा अथर्ववेद) में है, न श्रीमद्भगवत गीता में, न पुराणों में, न उपनिषदों में, न श्रीमद्भागवत (सुधा सागर) में, न चारों पुस्तकों (जबूर, तौरेत, इंजिल तथा कुरआन मजीद) में। इन चारों पुस्तकों को इकठ्ठा जिल्द करके बाईबल नाम दिया है, वह ज्ञान बाईबल में भी नहीं है। प्रमाण के लिए पहले पढ़ें:- अल-खिज्र (अल कबीर) की विशेष जानकारी Quaran Sharif Sura-Kafh 18:60-82 (कुरआन शरीफ सुरा-काफ 18 आयत 60.82 ..read more
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Arshdeep Singh. 23-year bowler Indian bowler Arshdeep Singh viciously trolled on social media after he dropped a catch in match between India and Pakistan
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by Ashish kumar
1y ago
23-year bowler Indian bowler Arshdeep Singh viciously trolled on social media after he dropped a catch in match between India and Pakistan in Dubai The Union Minister of State for Electronics and Information Technology Rajeev Chandrasekhar on Monday slammed Wikipedia for allowing “deliberate efforts to incitement” after cricketer Arshdeep Singh’s page on the platform was edited to link him to the Khalistani movement No intermediary operating in India can permit this type of misinformation and deliberate efforts to incitement and #userharm - violates our govts expectation of Safe & Tr ..read more
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मोहम्मद जी का जन्म हुआ।
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by Ashish kumar
1y ago
कुछ महीने बाद अबदुल्ला जी कुछ व्यापारियों के साथ रोजगार के लिए गए तो बीमार होकर मृत्यु को प्राप्त हो गए। उस समय मोहम्मद जी माता के गर्भ में थे। बाद में मोहम्मद जी का जन्म हुआ। छः वर्ष के हुए तो माता जी अपने पति की कब्र देखने के लिए गाँव के कुछ स्त्री-पुरूषों के साथ गई थी तो उनकी मृत्यु भी रास्ते में हो गई। नबी मोहम्मद अनाथ हो गए। दादा पालन-पोषण करने लगा। जब आठ वर्ष के हुए तो दादा की भी मृत्यु हो गई। पूर्ण रूप से अनाथ हो गए। जैसे-तैसे 25 वर्ष के हुए, तब एक 40 ..read more
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संत गरीबदास जी उस समय 10 वर्ष के बालक थे। उनको कबीर परमेश्वर जी सत्यलोक लेकर गए।
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by Ashish kumar
1y ago
कबीर सागर में ‘‘मोहम्मद बोध‘‘ 14वां अध्याय पृष्ठ 6 ..read more
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भक्त सुदर्शन के माता-पिता वाले जीवों के कलयुग के अन्य मानव जन्मों की जानकारी’’
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1y ago
‘‘भक्त सुदर्शन के माता-पिता वाले जीवों के कलयुग के अन्य मानव जन्मों की जानकारी’’ भक्त सुदर्शन के माता-पिता प्रथम बार कुलपति ब्राह्मण (पिता) तथा महेश्वरी (माता) रूप में जन्में। दोनों का विवाह हुआ। संतान नहीं हुई। एक दिन महेश्वरी जी सूर्य की उपासना करते हुए हाथ फैलाकर पुत्र माँग रही थी। उसी समय कबीर परमेश्वर जी उसके हाथों में बालक रूप बनाकर प्रकट हो गए। सूर्य का पारितोष (तोहफा) जानकर बालक को घर ले गई। वे बहुत निर्धन थे। उनको प्रतिदिन एक तोला सोना परमात्मा के बिछौने के नीचे मिलने लगा। यह भी उन्होंने सूर्यदेव की कृपा माना। पाँच वर्ष की आयु का होने पर उनको भक्ति बताई, परंतु बालक जानकर उनको परमा ..read more
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दोनों धर्मों को समझाना’’
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by Ashish kumar
1y ago
‘‘दोनों धर्मों को समझाना’’ - अमर ग्रंथ (संत गरीबदास जी) के पारख के अंग अध्याय की वाणी नं. 568 से 619:- काशी जोरा दीन का, काजी षिलस करंत। गरीबदास उस सरे में, झगरे आंनि परंत।।568।। सुन काजी राजी नहीं, ऐसे पाप से खुदाय। गरीबदास किस हुकम सैं, पकरि पछारी गाय।।569।। गऊ हमारी मात है, पीवत जिसका दूध। गरीबदास काजी कुटिल, कतल किया औजूद।।570।। गऊ आपनी अमां है, ता पर छुरी न बाहि। गरीबदास घृत दूध कूं, सबही आत्म खांहि।।571।। ऐसा खाना खाईये, माता कै नहीं पीर। गरीबदास दरगह सरैं, गल में पडै़ जंजीर।।572।। काजी पटकि कुरांन कूं, ऊठि गये शिर पीट। गरीबदास जुलहै कही, बानी अकल अदीठ।।573 ..read more
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सर्व प्रथम गुरू से दीक्षा ली जाती है। फिर उस गुरू जी की आज्ञा से उनके दिशा-निर्देशानुसार यज्ञ करना लाभदायक है
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by Ashish kumar
1y ago
सर्व प्रथम गुरू से दीक्षा ली जाती है। फिर उस गुरू जी की आज्ञा से उनके दिशा-निर्देशानुसार यज्ञ करना लाभदायक है । 1. धर्म यज्ञ:- धार्मिक अनुष्ठान करके साधु, भक्तों को भोजन करवाना तथा यात्री जो दूर से आए हों और उनको कहीं खाने की व्यवस्था न मिले, उनको तथा जो निर्धन हैं, भूखे हैं, उनको मुफ्त भोजन खिलाना। जरूरतमंदों को मौसम अनुसार वस्त्र मुफ्त देना, प्राकृतिकआपदा में पीड़ितों को भोजन, वस्त्र, औषधि (Medicine) आदि-आदि मुफ्त   बाँटना। जहाँ पर पानी पीने की व्यवस्था नहीं, गुरू जी की आज्ञा से पानी पीने के लिए व्यवस्था करना यानि प्याऊ बनवाना आदि-आदि धर्म यज्ञ हैं। 2 ..read more
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नाम का जाप:- मुसलमान अल्लाह अकबर नाम पुकारते हैं जो कबीर जी का नाम है। अल्लाह माने परमेश्वर तथा अकबर नाम कबीर है। केवल बोलने का अंतर है।
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1y ago
नाम का जाप:- मुसलमान अल्लाह अकबर नाम पुकारते हैं जो कबीर जी का नाम है। अल्लाह माने परमेश्वर तथा अकबर नाम कबीर है। केवल बोलने का अंतर है। जैसे अरबी भाषा में स्कूल को अस्कूल तथा स्थान को अस्थान बोलते हैं। इसी प्रकार कबीर को अकबीर बोलते हैं। फिर स्थान-स्थान की भाषा में अंतर होता है। जिस कारण से अल्लाह कबीर को अल्लाह अकबर बोला जाता है। मुसलमान अल्लाह अकबर पुकारते समय चिंतन करते हैं कि हम बड़े खुदा (अल्लाह अकबर) को पुकार रहे हैं। कबीर का अर्थ अरबी भाषा में बड़ा है। कबीर उसी बड़े (कादर) अल्लाह के शरीर का नाम है। कबीर का अर्थ बड़ा भी है। जैसे ‘‘मंशूर’’ का अर्थ ‘‘प्रकाश’’ (Light ..read more
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