women power
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4y ago
गुलाब पर माली का हक़
'' किसी ने क्या खूब कहा है सिर्फ गुलाब देने से अगर मोहबत हो जाती
तो माली सारे शहर का मेहबूब बन जाता ''
जैसे गुलाब में पड़ी ओस की एक बून्द ,
उसके यौवन का एक श्रिंगार है,
पास में खड़े माली की नज़र  ..read more
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4y ago
नन्ही गुड़िया इस संसार की नींव है तू
नन्ही गुड़िया तेरी किलकारी मेरे आंगन में एक नया सवेरा था
तेरी मुस्कान मेरे घर में खुशियों का एक पेहरा था
भाई की लाडली ,पापा की आंखो का तारा थी
पर ना जाने फिर कब एक दिन तू बड़ी हो गई
हमे छोड़ फिर एक नया घर सवारने चली
फिर अपनी डोर से तूने सबको बांध लिया
एक पत्नी एक बहू एक बेटी बन
एक बार फिर सबका दिल जीत लिया
फिर भी तू रुकी नहीं, एक नन्ही सी परी को फिर तूने
जन्म दिया , मां बनकर फिर तूने अपना सारा स्नेह उसे दिया
फिर वही खुशियों का दौर चला  ..read more
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4y ago
आज फिर खुद को आजाद कर लिया
उठ खड़ी हुई मै खुद को फिर आजाद कर लिया
बचपन की बेबाक तितली को फिर जिंदा कर लिया
खुद के सपनों को आज फिर मैंने खुद की आंखो से देखा है
खुद को अकेले समुंदर के किनारे खड़े आजाद देखा है
उठ खड़ी हुई मै खुद को फिर आजाद कर लिया।
जो तेरे कंधे को मै अपना समझने लगी थी
जाने क्या हो गया था मुझे जो मै खुद को भूल चली थी
शरीर मेरा जीवन मेरा फिर क्यों तेरी रूह बनने चली थी
मै तो अपने सपने जीने आयी थी फिर क्यों तेरे सपनों को अपना समझने लगी थी
आज फिर से जीने को दिल कर रहा है  ..read more
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4y ago
स्त्री की मार्मिक दसा
मैं रोज नयी उम्मीद का एक दीप जला रही हूँ,
सब कुछ कितना हसीन है ये खुद को समझा रही हूँ
दिल की व्यथा को मरहम लगा रही हूँ ,
मन की चंचलता को फिर समझाकर सायानी बना रही हूँ ,
समाज के दायरे मैं खुद को बांध रही हूँ
मैं रोज नयी उम्मीद का दीप जला रही हूँ।
रात के अँधेरों से कुछ रोशिनी चुरा रही हूँ  ..read more