कल थी काशी, आज है बनारस
1 FOLLOWERS
यह पाडकाॅस्ट उन कहानियों और घटनाओं के बारे में आपको बताएगा जिसे आपने कभी सुना नहीं और अगर सुना है तो ऐसे नहीं जैसे बनारसी सिंह सुनाने जा रही. बनारस मेरी..
कल थी काशी, आज है बनारस
7M ago
जय माता दी श्रोताओं और मित्रों, जगत जननी माँ अम्बा सबको शक्ति दें सबका कल्याण करे। इसी सद्भावना से मेरा आपकी होस्ट banarasi singh ..read more
कल थी काशी, आज है बनारस
7M ago
नमस्ते मित्रों सभी कुशल मंगल से हैं ऐसा मानकर महादेव और अपने घर काशी से जुड़ी कुछ जानकारी और रहस्य ले कर एकबार फिर आपकी दोस्त और होस्ट बनारसी सिंह आपके podcast पर हाजिर हूं। इस एक माह में अनेक कार्य हुए। बनारस जाना हुआ 15 दिन का समय पुनः मिला काशी में रहने और जीने के लिए। इसबार बाबा का बुलावा था। महाशिवरात्रि काशी में ही मनाया gya ..read more
कल थी काशी, आज है बनारस
7M ago
हर हर महादेव मित्रों swajano...कैसे हो सब. भगवान से प्रार्थना है सभी स्वस्थ और आनंद में हों। मौज और मस्ती का जीवन में प्रवाह बना rahe। लंबे समय से कुछ व्यस्तता में लीन थे। परंतु अपने इस वादे पर पूरा ध्यान tha। इसलिए तैयारी के साथ आए hain। 2022 का आरंभ हो चुका hai। परंतु हमारे सनातन धर्म में नव वर्ष का आरंभ देवी के आगमन से होता hai। चैत्र माह में नवरात्रि के बाद आता है उल्लास और उत्सव देने वाला नया वर्ष। हम मनुष्य हैं। जिनको सीखने और जीने के लिए सब कुछ रचना गया hai। हर मुश्किल से निकल कर हम बेहतर हो जाते हैं। tabhi ..read more
कल थी काशी, आज है बनारस
7M ago
नमस्कार मित्रों और बंधुओं और सुनने वाले सभी लोगों का बनारसी सिंह के पॉडकास्ट में हार्दिक स्वागत है। सभी लोग सुन रहे इससे मेरा मनोबल बढ़ता है। पर अगर यह कहानियां आपके द्वारा शेयर भी हों तो जिनको काशी और बनारस के बारे में जानना है उनको भी फायदा होगा। तो मुझे आप इतना समय देते हो एक मिनट लगा कर इसे अन्य लोगों में शेयर भी कर दिया करिए। इसके लिए मैं आपकी आभारी रहूंगी। खैर आज कहानी नहीं है आज जानकारी और कहानी का संगम है। काशी को धर्म नगरी, मोक्ष नगरी, संस्कृति नगरी, ज्ञान केंद्र, आनंद वन, घाटों का शहर, साधु का शहर, मंदिरों का नगर के अलावा भी एक नाम से पुकारा जाता है। वो हैं यहां की गलियाँ। गलियों का ..read more
कल थी काशी, आज है बनारस
7M ago
हर हर महादेव, सबको शुभ प्रभात। जल्दी से कहानी सुन लीजिए। बहुत दिन बाद लाए हैं एक दम ताजा और एक दम प्राचीन शिव विग्रह की कहानी। एक मंदिर है बंगाली टोला स्कूल के पास उस गली को सोनार पूरा कहते हैं। क्या खास है इस मंदिर में। ये जानने के लिए सुनिए मेरा पॉडकास्ट जब एक साल पुराना हो गया है। हर बार में यानी आपकी दोस्त और होस्ट कुछ नया लेकर आती हूं आपके liye।जो होता तो पुराना है बस आप को अभी पता चलता है। खैर नया पुराना बाद में करेंगे पहले कुछ बता दें। ये जो मंदिर है ये तिल bhandesvar ..read more
कल थी काशी, आज है बनारस
7M ago
जय माता दी, कैसे हैं आप सब. सभी स्वास्थ्य और सुरक्षित होंगे यही माता से कामना है. Banarasi/ सिंह के podcast में आप सब का तहे दिल से स्वागत hai। आज की कहानी उस भ्रम को दूर करने के लिए जो हमसे और आपसे बहुत लंबे समय से हो rahi। विजय दशमी और दशहरा एक दिन मनाए जाने वाले दो अलग मान्यता वाले त्यौहार hai। कैसे? अच्छा सवाल पूछा। विजय दशमी अश्विनी माह के शुक्ल पक्ष के दशमी को मनाई जाती है पर ये देवी दुर्गा के महिषासुर पर विजय का दिवस hai। दशहरा भी इस सी दिन मनाया जाता है पर ये श्री राम की रावन पर विजय का दिवस hai ..read more
कल थी काशी, आज है बनारस
7M ago
Namaskaram, Sabhi ko Jate hua September aur aate hue October ki or se bahut bahut shubh kamna. Sab kuch bahut Sundar aur shubh ho. बहुत समय बाद अंततः मैंने अपने phone main हिन्दी और उससे जुड़े फ़ॉन्ट aur app को कीबोर्ड main जगह बना ली। खैर हिन्दुस्तान main रहकर अगर हिन्दी bol नहीं रहे, लिख नहीं रहे तो फिर क्या kiya। हिन्दी दिवस main नहीं manati। are ye कोई लुप्त हो रही भाषा नहीं बस इसके बोलने वाले इसका महत्व नहीं समझते यही दुख hai। मैंने तो माँ, पिता, नाना, नानी, दादा दादी, पड़ोस, स्कूल college, प्रोफेशनल जीवन main भी हिन्दी ही चुना hai। पहले इसने mujhe aur फिर मैंने इससे chuna ..read more
कल थी काशी, आज है बनारस
7M ago
Hey friends, hope you all doing good. Have faith, do better get greater. Ok so today you are going to listen story about mahadev favorite rishi. Yes rishi dadhichi. He was son of atharav and Shanti. From his childhood he was very pour and simple be living and higher through his thoughts. He was protector of nature. He was great scholar of Ved and maharishi. Means he was in saptrishi group. This group of rishi taught by mahadev. So dadhichi was dedicated toward Shiva ji. Once he was doing chant in his ashram where sathi first wife of Shiva reached and asked for help. Some asur try to kill her ..read more
कल थी काशी, आज है बनारस
7M ago
नमस्कार! आप सभी का स्वागत है बनारसी सिंह के podcast में। कुछ सीखना है, याद रखना है और किसी रहस्य को जानना है तो सुने 'कल थी काशी आज है बनारस।' आज के episodes में आप सुनने जा रहे भगवान और अवधूत दत्तात्रेय की कहानी। जया किशोरी जी जो भगवान कृष्ण की लीला और भागवत कथा वाचक हैं, वो कहती हैं कि जब व्यास जी और वाल्मीकि जी या उनसे पहले puran ..read more