साहित्य एवं कला विमर्श
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E-expression is an independent platform for literature and art discussion, which is a participant in the sacrifice of selfless literary creation. E-expression was established on 15 October 2018. In this entire journey, the blessings received by Dr. Rajkumar Tiwari 'Sumitra' ji - context: expression continued to guide us and will continue to do so in the future as well.
साहित्य एवं कला विमर्श
7h ago
श्रीमती छाया सक्सेना ‘प्रभु’
(ई-अभिव्यक्ति में संस्कारधानी की सुप्रसिद्ध साहित्यकार श्रीमती छाया सक्सेना ‘प्रभु’ जी द्वारा “व्यंग्य से सीखें और सिखाएं” शीर्षक से साप्ताहिक स्तम्भ प्रारम्भ करने के लिए हार्दिक आभार। आप अविचल प्रभा मासिक ई पत्रिका की प्रधान सम्पादक हैं। कई साहित्यिक संस्थाओं के महत्वपूर्ण पदों पर सुशोभित हैं तथा कई पुरस्कारों/अलंकरणों से पुरस्कृत/अलंकृत हैं। आपके साप्ताहिक स्तम्भ – व्यंग्य से सीखें और सिखाएं में आज प्रस्तुत है एक विचारणीय रचना  ..read more
साहित्य एवं कला विमर्श
7h ago
डॉ. सुरेश कुमार मिश्रा ‘उरतृप्त’
(डॉ. सुरेश कुमार मिश्रा ‘उरतृप्त’ एक प्रसिद्ध व्यंग्यकार, बाल साहित्य लेखक, और कवि हैं। उन्होंने तेलंगाना सरकार के लिए प्राथमिक स्कूल, कॉलेज, और विश्वविद्यालय स्तर पर कुल 55 ..read more
साहित्य एवं कला विमर्श
7h ago
श्री प्रदीप शर्मा
(वरिष्ठ साहित्यकार श्री प्रदीप शर्मा जी द्वारा हमारे प्रबुद्ध पाठकों के लिए साप्ताहिक स्तम्भ “अभी अभी” के लिए आभार।आप प्रतिदिन इस स्तम्भ के अंतर्गत श्री प्रदीप शर्मा जी के चर्चित आलेख पढ़ सकेंगे। आज प्रस्तुत है आपका आलेख – “आदर्श विचार संहिता…“।)
अभी अभी # 349 ⇒ आदर्श विचार संहिता… श्री प्रदीप शर्मा
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साहित्य एवं कला विमर्श
7h ago
श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’
(प्रतिष्ठित साहित्यकार श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’ जी के साप्ताहिक स्तम्भ – “विवेक साहित्य ” में हम श्री विवेक जी की चुनिन्दा रचनाएँ आप तक पहुंचाने का प्रयास करते हैं। श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र जी, मुख्यअभियंता सिविल (म प्र पूर्व क्षेत्र विद्युत् वितरण कंपनी , जबलपुर ) से सेवानिवृत्त हैं। तकनीकी पृष्ठभूमि के साथ ही उन्हें साहित्यिक अभिरुचि विरासत में मिली है। आपको वैचारिक व सामाजिक लेखन हेतु अनेक पुरस्कारो से सम्मानित किया जा चुका है।आज प्रस्तुत है आपका एक आलेख – अमर रहेंगे मोहम्मद रफी साहब ।&nbs ..read more
साहित्य एवं कला विमर्श
7h ago
डॉ राकेश ‘ चक्र’
(हिंदी साहित्य के सशक्त हस्ताक्षर डॉ. राकेश ‘चक्र’ जी की अब तक कुल 148 मौलिक कृतियाँ प्रकाशित। प्रमुख मौलिक कृतियाँ 132 (बाल साहित्य व प्रौढ़ साहित्य) तथा लगभग तीन दर्जन साझा – संग्रह प्रकाशित। कई पुस्तकें प्रकाशनाधीन। जिनमें 7 दर्जन के आसपास बाल साहित्य की पुस्तकें हैं। कई कृतियां पंजाबी, उड़िया, तेलुगु, अंग्रेजी आदि भाषाओँ में अनूदित । कई सम्मान/पुरस्कारों से  ..read more
साहित्य एवं कला विमर्श
7h ago
श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय “प्रकाश”
(सुप्रसिद्ध साहित्यकार श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय “प्रकाश” जी का हिन्दी बाल -साहित्य एवं हिन्दी साहित्य की अन्य विधाओं में विशिष्ट योगदान हैं। साप्ताहिक स्तम्भ “श्री ओमप्रकाश जी का साहित्य” के अंतर्गत उनकी मानवीय दृष्टिकोण से परिपूर्ण लघुकथाएं आप प्रत्येक गुरुवार को पढ़ सकते हैं। आज प्रस्तुत है आपकी एक “बाल कहानी – मोना जाग गई”)
☆ साप्ताहिक स्तम्भ – श्री ओमप्रकाश जी का साहित्य # 167 ..read more
साहित्य एवं कला विमर्श
8h ago
श्री प्रमोद वामन वर्तक
कवितेचा उत्सव
☆ आ म्र पु रा ण ! ☆ श्री प्रमोद वामन वर्तक ☆
☆
होता आगमन वसंताचे
कानी येई कोकीळ गान,
सुवास दरवळे आसमंती
मंद मंद मोहराचा छान !
*
दिसता हिरवीगार कैरी
करे रसना पहा बंड,
चव चाखता आंबट गोड
आत्मा होतसे थंड !
*
पालट होण्या चवीचा
अढीत पडावे लागे तिला,
रंग रूप बदलता तिचे
गोडवा आला समजून चाला !
*
होई गणना मग तिची
सर्व फळांच्या राजात,
चव लाभे सर्वांना स्वर्गीय
आंबा पडता मुखात !
आंबा पडता मुखात !
☆
© प्रमोद वामन वर्तक
संपर्क – दोस्ती इम्पिरिया, ग्रेशिया A 702, मानपाडा, ठाणे (प.)
मो – 9892561086  ..read more
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8h ago
सौ विजया कैलास हिरेमठ
कवितेचा उत्सव
☆ “चढ आणि उतार…” ☆ सौ विजया कैलास हिरेमठ ☆
सगळेच दिवस
कसे असतील एकसारखे
येतच राहणार
चढ उतार अडथळे….
अडथळे येतात
मार्ग बदलायला लावतात
वेगळे वळण देऊन
हिंमतीने जगायला शिकवतात….
चढ आणि उतार
जीवनाचा आधार
संयम बाळगावा
हाच त्यांचा प्रचार….
अडथळे म्हणजे
फक्त संकट नव्हे
कदाचित इथूनच
सुरू होते जगणे नवे……
चढताना थकलो तरीही
पोहचण्याचा हुरूप असतो
उतारावर मात्र घाबरून जातो
इथे गतीला नियंत्रित करावच लागतं…
संकटे येतात निघून जातात
खूप काही शिकवतात
कोण आपलं कोण परकं
आपलं ही आपलेपण इथे कळतं…
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8h ago
श्री अरविंद लिमये
विविधा
☆ तो आणि मी…! – भाग ५ ☆ श्री अरविंद लिमये  ..read more
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8h ago
श्री प्रदीप केळुस्कर
जीवनरंग
☆ महाभोजन तेराव्याचे… – भाग-१ ☆ श्री प्रदीप केळूसकर ☆
पाठीमागच्या घरातून खूपच आरडा ओरड ऐकू येऊ लागला, म्हणून मी बायकोला विचारले  ..read more