सौ साल पहले की महिला कलाकारों का संघर्ष हमसे बहुत बड़ा था : S9, Ep 7
Music | Dotara & Ghazal Saaz
by Aaj Tak Radio
2y ago
शुभा मुद्गल हिंदुस्तानी म्यूज़िक का एक अहम नाम हैं. उनकी ज़िंदगी के क़िस्सों और खूबसूरत गायकी को समेटा हमनें 'गज़लसाज़' के इस खास सीज़न में. सुनिए इस सीज़न का आख़िरी एपिसोड. इस एपिसोड में बात हुई हैं शुभा मुद्गल की ज़िंदगी के संघर्ष की, वो क्या मानती हैं पुराने दौर की महिलाओं के संघर्ष के बारे में... सुनिए गज़लसाज़ के इस ख़ास एपिसोड में, जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से ..read more
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जिस गीत को गाया उसे अपना बना लिया : ग़ज़लसाज़ S9 Ep 6
Music | Dotara & Ghazal Saaz
by Aaj Tak Radio
2y ago
शुभा मुद्गल की ख़ासियत यही है कि उन्होंने जिस गीत को अपनी आवाज़ से सजाया वो चाहे कितने भी सिंगर्स ने पहले गाया हो लेकिन फिर वो उन्हीं का होकर रह गया। आज भी उनके गाए हुए पुराने गीत जब गूंजते हैं तो गुज़रा हुआ दौर उनकी आवाज़ में लिपटकर आंखों के सामने आ जाता है। शुभा मुद्गल के कुछ ऐसे ही गीतों को सुनिए 'गज़लसाज़' में और उनके बारे में ज़िक्र कर रहे हैं जमशेद कमर सिद्दीक़ी ..read more
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हर बार अपनी गायकी से कैसे चौंका देती हैं शुभा मुद्गल? : ग़ज़लसाज़ S9E5
Music | Dotara & Ghazal Saaz
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2y ago
एक कलाकार तबतक प्रासंगिक रहता है जब तक वो अपना सरप्राइज़ एलिमेंट नहीं खोता. प्रशंसक हर बार ये सोचते हैं कि इस बार क्या होगा? और ये कमाल तभी हो पाता है जब आर्टिस्ट के पास रेंज हो. शुभा मुद्गल के पास ज़बरदस्त रेंज है. वो पॉप भी गाती हैं, क्लासिकल भी. गज़लसाज़ के इस पॉडकास्ट में ज़िक्र शुभा जी की शानदार गायकी का. सुनिए जमशेद कमर सिद्दीक़ी से ..read more
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जब स्टेज पर गाते-गाते हंसी नहीं रोक पाईं शुभा मुद्गल : ग़ज़लसाज़, S9 E4
Music | Dotara & Ghazal Saaz
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2y ago
एक स्टेज परफॉर्मेंस के दौरान गाने में एक ऐसा शब्द आया कि शुभा जी की नज़रें स्टेज पर ही बैठे तबला बजे रहे उनके पति अनीश प्रधान साहब से जा टकराईं और फिर दोनों अपनी हंसी नहीं रोक पाए। इस हंसी की वजह क्या थी? और शुभा जी की माँ अपनी बेटी में अपनी माँ यानि शुभा जी की नानी का कौन सा अक्स देखती थीं? बता रहे हैं जमशेद कमर सिद्दीक़ी 'गज़लसाज़' के इस बेहद ख़ास पॉडकास्ट में ..read more
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जब यूनिवर्सिटी में फैज़ के सामने शुभा मुद्गल ने पढ़ी उन्हीं की गज़ल : ग़ज़लसाज़, S9 E3
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2y ago
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के एक कार्यक्रम में मशहूर 'शायर ए इंकलाब' फैज़ अहमद फैज़ आए हुए थे। 22 ..read more
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आवाज़ जिसने क्लासिकल म्यूज़िक को 'कूल' बना दिया : ग़ज़लसाज़, S9 E2
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2y ago
शुभा मुद्गल वो आवाज़ है जिसने साल 1996 ..read more
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कथक सीखने वाली शुभा मुद्गल के क्लासिकल सिंगर बनने की कहानी : ग़ज़लसाज़ Ep1
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2y ago
हिंदुस्तान की वो क्लासिकल गायिका जिसकी आवाज़ दुनिया के तमाम देशों में गूंजती है। जिसने क्लासिकल गायन को पॉप के साथ मिलाकर नौजवान पीढ़ी को संगीत की जड़ों से जोड़ा - शुभा मुद्गल। गज़लसाज़ में सुनिए शुभा जी की ज़िंदगी की सुनी अनसुनी कहानियां और उनकी आवाज़ में कुछ शानदार गायिकी, गज़लसाज़ के इस एपिसोड में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी के साथ. साउंड मिक्सिंग : अमृत रेगी ..read more
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जब राशिद ख़ान साहब को मिली पहली स्कॉलरशिप : ग़ज़लसाज़ S8 E7
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2y ago
हिंदुस्तान की वो आवाज़ जिसने सरहदों पार अपने होने की निशानी दी है। जिसने हिंदुस्तानी रवायती संगीत को उस ऊंचाई पर सजाया है कि जहां से उसकी खुश्बू पूरी दुनिया में फैलती है। राशिद ख़ान, क्लासिकल सिंगिंग का नायाब सितारा। और उसी सितारे के बारे में 'गज़लसाज़' के इस सीज़न में ये है सातवां एपिसोड। सुनिए जमशेद क़मर सिद्दीकी से ..read more
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राशिद ख़ान जिन्होंने हिंदी फ़िल्मों की चकाचौंध में गुम होने से खुद को बचाए रखा : ग़ज़लसाज़ S8 E6
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2y ago
राशिद ख़ान साहब की ज़िंदगी से जुड़े कुछ सुने अनसुने क़िस्से और उनकी रूहानी आवाज़ में हिंदुस्तानी क्लासिकल म्यूज़िक के इस गुलदस्ते को लेकर गज़लसाज़ फिर से हाज़िर है। सुनिए आजतक रेडियो पर 'गज़लसाज़' जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से ..read more
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जब पंडित भीम सेन जोशी ने राशिद साहब को दस हज़ार का नज़राना दिया : ग़ज़लसाज़ S8E5
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2y ago
दुनिया के हर उस मुल्क में जहां हिंदुस्तानी रवायती संगीत को चाहने वाले ज़िंदा हैं उस मुल्क की अदबी हवाओं में उस्ताद राशिद ख़ान का नाम ज़रूर गूंजता है. आजतक रेडियो के 'गज़लसाज़' पॉडकास्ट में सुनिए राशिद साहब की आवाज़ में कुछ ख़ास बंदिश और साथ ही कुछ यादगार किस्से. बरेली शरीफ़ से उस्ताद का क्या रिश्ता है? कौन थे निख़िल काका जिन्होंने राशिद साहब के बचपन में ही उनके बेहद कामयाब होने की भविष्यवाणी कर दी थी? बता रहे हैं जमशेद क़मर सिद्दीक़ी 'गज़लसाज़' के पांचवें एपिसोड में ..read more
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