Meri Kheti
211 FOLLOWERS
MeriKheti is an online hindi portal for Indian farmers to get knowledge of all government schemes, food processing problems, and agriculture business ideas.
Meri Kheti
7h ago
ACE कंपनी के ट्रैक्टरों को भारतीय किसानों में उनकी बेहतरीन परफॉर्मेंस और शक्तिशाली इंजन के लिए जाना जाता है। किसानों की आवश्यकताओं को देखते हुए कंपनी ने अपने ट्रैक्टरों को बनाया है।
इन ट्रैक्टरों में मजबूत शरीर और ईंधन-कुशल इंजन हैं। यदि आप भी खेती करने के लिए एक शक्तिशाली ट्रैक्टर खरीदने की सोच रहे हैं, तो ACE Chetak DI 65 ट्रैक्टर एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
यह ट्रैक्टर 4088 सीसी इंजन में आता है, जो 2200 आरपीएम पर 50 एचपी पावर उत्पादित करता है। इस लेख में आप इस ट्रैक्टर के फीचर्स, स्पेसिफिकेशन्स और कीमत के बारे में जानेंगे।
ट्रैक्टर की इंजन पावर क्या है?
ACE Che ..read more
Meri Kheti
13h ago
गेंदे का फूल सुगंध के साथ साथ बहुत सी बीमारियों में भी फायदेमंद होता है। आज के इस आर्टिकल में हम बात करेंगे गेंदे के औषिधीय गुणों के बारे में।
गेंदा बहुत सी बीमारियों में सहायक होता है इसीलिए इसका उपयोग आयुर्वेद में भी किया जाता है। गेंदे के फूल में मिनरल्स, विटामिन बी, विटामिन ए और एंटीऑक्सीडेंट भी पाए जाते है जो बहुत सी बीमारियों से लड़ने में सहायक होते है।
भारत जैसे राज्य में गेंदे के फूल का बहुत बड़ा महत्व है इसका उपयोग धार्मिक कार्यों के अलावा शादी वगेरा में भी बड़े स्तर पर किये जाते है। आपको जानकार हैरानी होगी गेंदे का फूल बहुत से बीमारियों से लड़ने में भी सहायक है। &n ..read more
Meri Kheti
19h ago
गर्मी की गहरी जुताई एक कृषि तकनीक है जो की रबी की फसल की कटाई के बाद गर्मी के महीनों में की जाती है ताकि भूमि को उपजाऊ और फलदायक बनाया जा सके।
यह एक प्रकार की मूल जुताई है जिसमें खेत की ऊपरी स्तर से गहरे सबसॉइलर (Subsoiler) या प्लो द्वारा भूमि को उपेक्षित किया जाता है। यह तकनीक विभिन्न फायदे प्रदान करती है। इस लेख में आप गहरी जुताई के फायदों के बारे में विस्तार से जानेंगे।
खरपतवार नियंत्रण
ग्रीष्मकालीन गहरी जुताई से खरपतवार के बीजों को मिट्टी में गहराई तक दबाने में मदद मिलती है, जिससे उनका अंकुरण और विकास रुक जाता है।  ..read more
Meri Kheti
1d ago
खेती के सात साथ किसान पशुपालन करके भी अपनी आमदनी बढ़ा सकते है। पशुपालन के अंदर ज्यादातर गाय और भैंस जैसे दुधारू पशुओं का पालन किया जाता है।
पशुपालक को गाय की उत्तम किस्म का चयन करना चाहिए ताकि अधिक दूध प्राप्त किया जा सके। गाय की ऐसी बहुत सी नस्ल है जिनसे अच्छा दूध प्राप्त किया जा सकता है। ऐसी ही गाय की नस्ल मे से एक नस्ल है साहीवाल।
साहीवाल गाय को अधिक दूध देने वाली गाय माना जाता है यदि गाय का अच्छे से रखरखाव किया जाए तो प्रतिदिन गाय से 10 से 16 लीटर दूध प्राप्त किया जा सकता है।  ..read more
Meri Kheti
2d ago
धानुका कंपनी द्वारा नए फर्टिलाइजर और कीटनाशकों को लांच किया गया है, यह कीटनाशक और फर्टिलाइजर ज्यादातर किसानों के लिए सब्जी उगाने के तौर पर निर्मित किया गया है।
यह शक्तिशाली और प्रभावी कीटनाशक है। यह कीटनाशक थ्रिप्स, सफ़ेद मक्खी, फल छेदक कीट, जैसिड, अंकुर और पत्ते छेदक कीटों को नियंत्रित करने की प्रभावी क्षमता रखता है।
यह पौधे से रस को चूसने वाले कीटों पर भी नियंत्रण रखता है। यह किसानों के लिए काफी सहायक और प्रभावी कीटनाशक है, यह फसल के नुक्सान पर भी नियंत्रण बनाये रखता है।
एग्रो केमिकल कंपनी धानुका ने खेती के लिए नया कीटनाशक जिसका  ..read more
Meri Kheti
2d ago
किसानों द्वारा गर्मियों में की जाने वाली खेती के लिए सबसे पहले खेत की अच्छे से जुताई कर लेनी चहिये। खेत की गहरी जुताई करने से फसल में कीट और रोग लगने की ज्यादातर सम्भावनाये ख़तम हो जाती है।
इसके अलावा केट की गहरी जुताई और अधिक उत्पादन के लिए राज्य सरकार की ओर से किसानों को सबसॉइलर (Subsoiler Machine) मशीन पर सब्सीडी उपलब्ध कराई जा रही है।
यह सबसॉइलर मशीन खरपतवारों को नष्ट करके उन्हें जमीन में मिला देती है इससे फसल उत्पादन में काफी वृद्धि होती है।
जो भी किसान सबसॉइलर मशीन (Subsoiler Machine) पर सब्सीडी  ..read more
Meri Kheti
2d ago
बिहार पशु शेड योजना के अंतर्गत पशुपालकों को पशु शेड निर्माण के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। इस योजना के अंतर्गत पशुपालकों को उनके पशुओं के रखरखाव के लिए शेड निर्माण हेतु आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है।
बिहार पशु शेड योजना को बिहार और केंद्र सरकार द्वारा निर्मित किया गया है। यह योजना चार राज्यों में लागू की जाएगी जिसमें सम्मिलित है उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और पंजाब। आने वाले समय में यह योजना पूरे देश में लागू की जाएगी।  ..read more
Meri Kheti
2d ago
केसर की खेती करना न सिर्फ आर्थिक लाभ कमाना है बल्कि यह एक सामाजिक प्रेरणात्मक कार्य भी है। पूर्व सैनिक महेंद्र सिंह ने बंजर जमीन पर केसर की खेती कर लाखो रुपया कमाए है। इस कार्य से युवा और किसान भी प्रेरित होकर रोजगार के अवसर प्राप्त कार सकते है।
पूर्व सैनिक महेंद्र सिंह जो की ज्वाली विधानसभा के सुकनाड़ा पंचायत से सम्बन्धित है उन्होंने अपनी मेहनत और द्रढ़ संकल्प से बंजर भूमि को उपजाऊ बना दिया है।
महेंद्र सिंह ने चार मरला खेत में केसर की खेती की जिसे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति में सुधर आया बल्कि सभी स्थानीय किसानों को भी उससे प्रेरणा मिली है।  ..read more
Meri Kheti
3d ago
अजोला को जैव उर्वरक के रूप में जाना जाता है, यह अजोला धान की उच्च और अधिक पैदावार के लिए काफी सहायक है। इसके अलावा इसका उपयोग पशुओं के चारे के लिए भी किया जाता है।
अजोला धान के उर्वरक क्षमता को बढ़ाने में काफी सहायक है, इसके अलावा इसका उपयोग मुर्गी पालन, मछली पालन और पशु के चारे के उपयोग में किया जाता है। यह एक जलीय फर्न है जो पानी के सतह पर तेजी से बढ़ता या फैलता है।
क्या है अजोला ?
जैसा की आप सभी को बता दिया गया है यह एक जलीय फर्न है। अजोला समशीतोषड जलवायु में पाया जाता है। यह अजोला पानी पर एक हरी परत के जैसे दिखाई देता है।  ..read more
Meri Kheti
3d ago
हरियाणा राज्य के फतेहाबाद जिले के गांव सिंबलवाला में रहने वाले किसान बसंत सैनी ने सिप की खेती कर 2 साल में 18 लाख रुपए कमा लिए है। सिप की खेती के लिए उन्होंने 3 साल पहले कोरोना काल के वक्त अपना मन बनाया था।
लगभग डेढ़ साल तक उन्होंने इस खेती पर स्टडी की और सितम्बर 2023 में उन्होंने सिप की खेती का कार्य शुरू कर दिया। सिप की खेती में लगभग 4 लाख रुपए का खर्च आया। उन्होंने बताया सिप की खेती काफी लाभदायक है।
बसंत सैनी डबल एमए करे हुए है उन्होंने सिप की खेती आधे कनाल में की थी जिससे उन्हें इतना फायदा हुआ। सिंबलवाला गांव में वो ऐसे अकेले व्यक्ति है जो सिप की खेती कर रहे है।  ..read more