Sanskrit School
423 FOLLOWERS
This website has been created for the purpose of sharing all information related to Sanskrit. In this website, we share all information related to religious texts like Sanskrit Shloka, Chalisa, Veda, Bhagavad Gita, etc.
Sanskrit School
12h ago
उपेन्द्रवज्रा | Upendravajra उपेन्द्रवज्रा छन्द परिचय :-
उपेन्द्रवज्रा छन्द के प्रत्येक चरण में 11 अक्षर है तथा सम्पूर्ण श्लोक में 44 ..read more
Sanskrit School
12h ago
इन्द्रवज्रा | Indravajra इन्द्रवज्रा छन्द परिचय :-
इन्द्रवज्रा छन्द के प्रत्येक चरण में 11 अक्षर है तथा सम्पूर्ण श्लोक में 44 ..read more
Sanskrit School
12h ago
आर्या | Aarya आर्या छन्द परिचय :-
आर्या छन्द के पहले और तीसरे पाद में 12-12 मात्राएँ और दूसरे चरण में 18 मात्राएँ तथा चौथे चरण में 15 मात्राएँ होती है।
आर्या छन्द में कुल 57 मात्रा होती है।
आर्या छन्द के 9 भेद प्राप्त होते हैं।
मात्रिक छन्दों में आर्या सबसे प्रमुख है।
यह मात्रिक छन्द है अर्थात् मात्राओं की गणना होती है। प्रत्येक गण में चार मात्राएं होती है।
आर्या छन्द का लक्षण :-
श्रुतबोध में आर्या नामक छन्द का लक्षण इस प्रकार दिया है:-
यस्याः पादे प्रथमे द्वादश मात्रास्तथा तृतीयेऽपि ।
अष्टादश द्वितीये चतुर्थके पंचदश सार्या ।।
छन्दोमंजरी
लक्षणार्थ:- जिस छन्द के पहले और तीसरे पाद में 12-12 ..read more
Sanskrit School
12h ago
तोटक | Totak तोटक छन्द परिचय :-
तोटक छन्द के प्रत्येक चरण में 12 वर्ण है तथा सम्पूर्ण श्लोक में 48 अक्षर है।
इस छन्द के प्रत्येक चरण में चार सगण होते हैं (सगण,सगण,सगण,सगण)।
यही व्यवस्था चारों चरणों में होगी क्योंकि यह समवृत्त छन्द  ..read more
Sanskrit School
12h ago
अञ्जनानन्दनं वीरं जानकीशोकनाशनम्।
कपीशमक्षहन्तारं वन्दे लङ्काभयङ्करम्॥
हिंदी अनुवाद :- मैं अंजनी के वीर पुत्र और माता जानकी के दुखों को दूर करने वाले, वानरों के स्वामी, लंका के अक्षकुमार (रावण के पुत्र) का वध करने वाले हनुमान जी की पूजा करता हूं।
English translation :- I worship Hanuman ji, the brave son of Anjani and the one who removes the sorrows of Mother Janaki, the lord of monkeys, the slayer of Akshakumar (son of Ravana) of Lanka.
नमो हनुमते तुभ्यं नमो मारुतसूनवे
नमः श्रीराम भक्ताय शयामास्याय च ते नमः।।
हिंदी अनुवाद :- हे हनुमान! आपको नमस्कार। मारुतनन्दन! आपको  ..read more
Sanskrit School
3d ago
मालिनी | Malini छन्द का नामकरण :-
‘मालिनी’ शब्द का अर्थ ‘माला धारण करने वाली कोई रमणी’ है।
आपको याद होगा कि हमने स्रग्विणी छन्द को पढते समय उसके तात्पर्य को समझा था कि ‘स्रक’ अर्थात् माला और माला को धारण करने वाली स्रग्विणी।
इस प्रकार स्रग्विणी और मालिनी इन दोनों का एक ही अभिप्राय दिखाई पड़ता है।
मालिनी छन्द परिचय :-
मालिनी छन्द के प्रत्येक चरण में 15 अक्षर है अतः चारों चरणों 60 अक्षर है।
इस छन्द के प्रत्येक चरण में क्रमश दो नगण, एक भगण, दो यगण होते हैं (नगण,नगण,भगण,यगण,यगण)।
यही व्यवस्था चारों चरणों में होगी क्योंकि यह समवृत्त छन्द है।
इस छन्द में 8 एवं 7 ..read more
Sanskrit School
5d ago
वसन्ततिलका | Vasantatilaka छन्द का नामकरण :-
वसन्ततिलका छन्द को दो नामों से स्मरण किया जाता है। कुछ लोग इसे वसन्ततिलकम और कुछ लोग इसे वसन्ततिलका भी कहते है।
दोनों ही नाम छन्द शास्त्र में प्रचलित है। केवल अन्तर इतना है कि वसन्ततिलकम् नंपुसकलिंग में है तथा वसन्ततिलका स्त्रीलिंग में प्रयुक्त शब्द होता है।
वसन्ततिलका छन्द परिचय :-
वसन्ततिलका छन्द के प्रत्येक चरण में 14 अक्षर है तथा सम्पूर्ण श्लोक में 56 ..read more