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4y ago
संस्कृत : वृश्चिकासन ,वृश्चिक - बिच्छु ,आसन - मुद्रा
योग में वर्णित वृश्चिकासन एक उन्नत योगासन है। अंग्रेजी में इसे Scorpion Pose भी कहा जाता है। इस आसन का अभ्यास करने के लिए ,गहन संतुलन शक्ति और दृढ़ता की आवश्यकता पड़ती है। अगर कोई इस आसन को सही ढंग और एकाग्रता के साथ करता है। तो उसकी शरीर रचना बिच्छु की तरह दिखाई देने लगती है। इसके अभ्यास के लिए कंधो का स्वस्थ और मजबूत होना अत्यंत आवश्यक है।
Vrischikasana Yoga ..read more
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4y ago
Tratak Kriya योगसाधना के प्रमुख आठ अंग है ,यम,नियम,आसन,प्राणायाम,प्रत्याहार ,ध्यान ,धारणा और समाधी। "त्राटक क्रिया" ध्यान अभ्यास की क्रिया है ,षट्कर्म यानि हठयोग क्रियाओं में हमें "Tratak Kriya  ..read more
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4y ago
संस्कृत : उर्ध्व पद्मासन ,उर्ध्व - ऊपर की ओर ,पद्म -कमल ,आसन - मुद्रा
योग में वर्णित 'उर्ध्व पद्मासन' एक उन्नत योगासन है। इसका अभ्यास करते समय शरीर को पूर्ण रूप से कंधो के सहारे संतुलित कर पद्मासन का अभ्यास करना पड़ता है। शुरुवात में योगी हलासन और सर्वांगासन में महारथ पाने के बाद ही इस आसन का अभ्यास करता है। सर्वांगासन या हलासन के अभ्यास से पूर्व अगर इस आसन का अभ्यास किया जाता है ,तो यह साधक के लिए कठिनाईया उत्पन्न कर देता है।
Urdhva Padmasana ..read more
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4y ago
योग विज्ञानं में सबसे ज्यादा जोर शरीर को लचीला बनाने में दिया गया है। शरीर लचीला होने से , अनेक स्वास्थ लाभ प्राप्त होते है। जैसे जैसे शरीर लचीला बनता जाएगा, वैसे वैसे आपके शरीर में रक्तसंचार नियमित रूप से होने लगता है , जिससे आप अपने शरीर को बिमारियों से बचा सकते है. योग में किसी एक ही अवस्था में निरंतर रहने की स्थिति को आसन कहा गया है। इस संसार में जितने भी पशु ,पक्षी ,पेड़ ,पौधे है ,उन सबसे प्रेरणा लेकर हमारे महर्षियों ने अलग अलग प्रकार के आसन बनाये। जिससे हम रोगमुक्त और अच्छा जीवन व्यतीत कर सके।  ..read more
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4y ago
Shalabhasana Yoga संस्कृत : शलभासन , शलभ - टिड्डी ,आसन - मुद्रा
योग में वर्णित शलभासन एक सरल योगासन है। शलभ या टिड्डी एक कीड़ा है ,जो मुख्यतः घास पर पाया जाता है। इस आसन का अभ्यास करते समय व्यक्ति की रचना ' टिड्डी किटक ' के समान दिखाई देती है ,इसीलिए यह शलभासन के नाम से जाना जाता है। इसका अभ्यास मेरुदंड में एक अच्छा खिंचाव पैदा कर मांसपेशियों को मजबुत बनाता है।
Shalabhasana Yoga  ..read more
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4y ago
कुर्मासन एक उन्नत योगासन है। संस्कृत नाम : कुर्मासन ,कुर्मा - कछुआ ,आसन - मुद्रा होता है। इसका अभ्यास व्यक्ति को मानसिक शांति प्रदान करता है।
योग में वर्णित कुर्मासन का अभ्यास करते समय, व्यक्ति की मुद्रा कछुए के समान दिखाई देती है। इसका अभ्यास आपको बाहरी तनाव एवं चिंताओं को काटकर ,आतंरिक शांति की भावना प्रदान करता है। कछुए को संयम का प्रतिक माना जाता है। इस योगासन का अभ्यास आपको शारीरिक एवं मानसिक रूप से संयमित और स्थिर रखने में मदद करता है।
Kurmasana Yoga | कुर्मासन योग
जमीन पर चटाई बिछाकर पैरों को सामने फैलाकर बैठ जाए।
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4y ago
संस्कृत : उत्कटासन ,उत्कट - जंगली ,आसन - मुद्रा
योग में वर्णित उत्कटासन एक प्रभावी योगासन है। इसे कुर्सी आसन या Chair Pose Yoga भी कहा जाता है। भले ही यह सरल आसन दिखाई दे ,पर इसका अभ्यास करना एक चुनौती पूर्ण कार्य है। किसी कुर्सी पर बैठना कोई कठिन कार्य नही है। पर इस आसन का अभ्यास करते समय बिना किसी कुर्सी के ,केवल काल्पनिक कुर्सी पर बैठना पड़ता है। इसीकारण यह कुर्सी आसन के नाम से विख्यात है।
Utkatasana Yoga ..read more
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4y ago
योग में वर्णित अर्ध पिंच मयूरासन एक स्थायी और स्थिर आसन है। इस नाम के अलावा, इस आसन को Dolphin Yoga Pose भी कहा जाता है ।
अर्ध - आधा ,पिंच - पंख ,मयूर - मोर ,आसन - मुद्रा । जब आप इस आसन का अभ्यास करते है ,तो आपकी शारीरिक मुद्रा उलटे V की तरह दिखाई देती है। जिसतरह अधो मुख श्वानासन का अभ्यास किया जाता है। ठीक उसी तरह "Dolphin Yoga" को भी किया जाता है। अंतर सिर्फ इतना है की इस आसन का अभ्यास करते समय हथेलियों को कोहनी तक फर्श से सटाकर रखना पड़ता है। और सिर जमीन पर आराम करता है।
Ardha Pincha Mayurasana In Hindi ..read more
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4y ago
संस्कृत : टिट्टिभासन ,टिट्टिभा - टिट्टिभ पक्षी ,आसन - मुद्रा
योग में वर्णित टिट्टिभासन एक जटिल योगासन है। इस आसन का निर्माण "टिट्टिभ" नाम के पक्षी की प्रेरणा से किया गया है। इसे Firefly Pose के नाम से भी जाना जाता है। इसका अभ्यास करने के लिए शरीर में अत्याधिक ताकद का होना आवश्यक है। नियमित और एकाग्रता के साथ अभ्यास कर ,आप इस आसन को साध सकते है। अगर आप नियमित योगाभ्यास करते है, तो कम से कम अवधि में आप इस आसन में महारथ हासिल कर पाएंगे। इसे करते समय व्यक्ति की शारीरिक मुद्रा ठीक ,उड़ते हुए टिट्टिभ पक्षी के समान दिखाई देती है ।
Tittibhasana Yoga ..read more
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4y ago
योग में वर्णित उत्तानपादासन का अभ्यास पेट की समस्याओं के लिए विशेष लाभकारी है। इस आसन का अभ्यास करते समय, पैरों को ऊपर उठाया जाता है ,जो पेट और पेट के आतंरिक अंगों पर प्रभाव डालता है। कुछ लोग इस आसन का अभ्यास एब्स बनाने के लिए भी करते है। अगर आप घर पर ही एक्सरसाइज करते है ,तो इस आसन के नियमित अभ्यास से आप आसानी से एब्स बना सकते है। इस आसन का अभ्यास शरीर में एक खिंचाव पैदा करता है, जो मांसपेशियों की ताकद को बढ़ाता है।
Uttanpadasana Yoga ..read more